Bhat Pooja

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जिस जातक की जन्म कुंडली, लग्न/चंद्र कुंडली आदि में मंगल ग्रह, लग्न से लग्न में (प्रथम), चतुर्थ, सप्तम, अष्टम तथा द्वादश भावों में से कहीं भी स्थित हो, तो उसे मांगलिक कहते हैं। मांगलिक कुंडली वालों को विवाह के पूर्व भात पूजा करने की सलाह दी जाती है।

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क्या है भात पूजा, कैसे करते हैं?
भात यानी चावल। चावल से शिवलिंग रूपी मंगल देव की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग मांगलिक होते हैं। उन्हें विवाह के पहले भात पूजा अवश्य करनी चाहिए। बता दें, पूजा में सर्वप्रथम पूजे जाने देव गणेश और माता पार्वती का पूजन होता है।  इसके बाद नवग्रह पूजन होता है फिर कलश पूजन एवं शिवलिंग रूपी भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक किया जाता है। अभिषेक करते हुए वैदिक मंत्रों के उच्चारण द्वारा देवी – देवताओं के साथ नवग्रहों का आवाहन किया जाता है। फिर शिव शंकर को भात अर्पित करते हैं। विधिवत रूप से भात पूजन, अभिषेक और मंगल जाप के बाद फिर आरती उतारी जाती है।

इस पूजा के संक्षिप्त में एक कथा का वर्णन मिलता है जो इस प्रकार है- 
कथा के अनुसार, एक बार अंधकासुर नामक दैत्य ने शिवजी की कठोर तपस्या करके उन्हें प्रसन्न कर लिया था। शिवजी ने उसे वरदान दिया कि उसके रक्त से सैंकड़ों दैत्य जन्म ले सकेंगे। इस वरदान के बाद अंधकासुर ने उज्जैन नगरी में तबाही मचा दी थी। यही नहीं उस दैत्य ने ऋषि और मुनियों सहित अन्य लोगों का वध करना शुरु कर दिया। ये सब देख देवी – देवताओं ने भगवान शिव से प्रार्थना की तो शिवजी ने अंधकासुर से युद्ध किया। युद्ध के दौरान शिवजी का पसीना बहने लगा। भगवान शिव के पसीने की बूंदों की गर्मी से उज्जैन की धरती फट कर दो भागों में विभक्त हो गई और मंगल ग्रह का जन्म हुआ।

 

महादेव ने दैत्य का संहार किया और उसकी रक्त की बूंदों को नव उत्पन्न मंगल ग्रह ने अपने अंदर समा लिया। कहते हैं इसलिए ही मंगल की धरती लाल रंग की होती है। जब मंगल उग्र अंगारक स्वभाव के हो गए तब सभी देवताओं सहित सभी ऋषि मुनियों सर्वप्रथम मंगल की उग्रता की शांति के लिए दही और भात का लेपन किया। क्योंकि दही और भात दोनों ही पदार्थ ठंडे होते हैं जिसके कारण मंगल देव की उग्रता शांत हो गई। इसी कारण जिन जातकों की कुंडली में मंगल ग्रह अति उग्र होता है उनको मंगल भात पूजा की सलाह दी जाती है।

If a Manglik boy/girl is married to a Non-Manglik partner then the event of death or severe accidents have been witnessed by many couples that lead to death, permanent disability of the Non-Manglik spouse. Sun, Saturn, Rahu, and Ketu’s placement in the houses mentioned above also forms partial Manglik Dosh.

Auspicious time for Bhat Pooja?

When a female or male is having Manglik Dosh in the horoscope, he/she should perform Bhat Pooja  before marriage.
A date can also be selected as per the Rashi Nakshatra of the girl/boy.

 

Benefits of Bhat pooja

  • Helps in removal of Mangal Dosha in the Kundali.
  • For a long, stable, happy, and fruitful married life.
  • Helps in getting rid of second marriage problems.
  • Clears any childbirth-related issues caused by mangal.

 

Why should you choose us for Bhat Pooja?

Diyabati.com works with the motive of satisfying its customers and providing blessed results. Therefore, our company offers a complete package for Bhat Pooja  in which Pandit Ji and all the essential Bhat poojah For Female items or samagri to its consumers.

 

The procedure of performing Kumbh Vivah For Female

• Swastivachan
• Gauri Ganesh Puja
• Kalash Navgraha Puja

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Bhat Pooja

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